छत्तीसगढ़ में 14 नवंबर 2024 से धान खरीदी शुरू हुआ था जिसने इस साल प्रदेश में एक नया रिकार्ड बना दिया है। दरअसल, 14 नवम्बर 2024 से शुरू हुई धान खरीदी ने राज्य सरकार और किसानों के प्रयास से 3 जनवरी तक लगभग 93.44 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी की जा चुकी है। इसके तहत 18 लाख 69 हजार किसानों को शामिल किया गया, जिनको 21 हजार करोड़ रुपये का भुगतान बैंक लिंकिंग के द्वारा किया गया।
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मुख्यमंत्री का किसानों के लिए विशेष सहयोग
मुख्यमंत्री साय ने धान खरीदी को लेकर किसानों को होने वाली परेशानियों को देखते हुए इस पर विशेष पहल किया है। विष्णुदेव साय ने इसके लिए बारदाना के परिवहन से लेकर धान उठाव की प्रक्रिया को सुचारू और व्यवस्थित ढंग से बनाया है। विष्णुदेव साय ने कहा, “बीजेपी सरकार का हमेशा से यही प्रयास है कि प्रदेश के किसानों को उनके हिस्से का हर संभव सहायता मिले और उनकी मेहनत का उचित मूल्य दिया जाए।”

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धान खरीदी की सुचारू और व्यवस्थित प्रक्रिया
धान खरीदी प्रक्रिया को सुचारू बनाने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं। बारदाना की उपलब्धता से लेकर धान के परिवहन तक की हर व्यवस्था पर विशेष ध्यान दिया गया है। इस वर्ष धान खरीदी केंद्रों पर तकनीकी और प्रशासनिक व्यवस्थाओं में सुधार किया गया, जिससे किसानों को अपने धान की बिक्री में आसानी हुई।

सरकार ने किसानों के बैंक खातों को खरीदी प्रक्रिया से जोड़ते हुए डिजिटल भुगतान की सुविधा प्रदान की है। इससे न केवल किसानों को भुगतान में तेजी आई है, बल्कि पारदर्शिता भी सुनिश्चित हुई है।
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किसानों की आर्थिक प्रगति में योगदान
धान खरीदी का महापर्व केवल छत्तीसगढ़ के किसानों को आर्थिक लाभ ही पहुँचाना मुख्य उद्देश्य नहीं है, यह राज्य की कृषि क्षेत्र के विकास में भी अहम भूमिका निभा रहा है। इस धान खरीदी महापर्व ने किसानों की झोली में इस साल अच्छी वित्तीय सहायता प्रदान की है, जिससे किसान भाइयों ने अपनी आजीविका को और बेहतर बना सकें। विष्णुदेव साय ने कहा कि यह धान खरीदी का महापर्व किसानों की आर्थिक प्रगति और समृद्धि की दिशा में सरकार के संकल्प का स्मृति चिन्ह है।
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धान खरीदी महापर्व
छत्तीसगढ़ में धान खरीदी को इस साल एक महापर्व के रूप में मनाया जा रहा है। जिससे इस साल किसानों के चेहरे पर खुशी और सुकून झलकता दिखाई दे रहा है, क्योंकि सरकार ने किसानों की समस्याओं का समाधान करने और उनके जीवन स्तर को बेहतर बनाने के लिए ठोस कदम उठाए हैं। हालांकि, व्यापक स्तर पर धान खरीदी प्रक्रिया को सुचारू रूप से लागू करना अपने आप में एक चुनौती है।
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लेकिन सरकार ने इन चुनौतियों का सामना करने के लिए अपनी सक्रियता दिखाई है। इसके लिए किसानों की समस्याओं को प्राथमिकता देते हुए तत्काल धान खरीदी को लेकर समस्याओं का समाधान समय रहते किया गया, जिसके परिणाम स्वरूप इस साल धान खरीदी का एक नया कीर्तिमान स्थापित हो पाया।

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समृद्ध छत्तीसगढ़ का शुरू हुआ उड़ान
धान खरीदी महापर्व ने प्रदेश को कृषि के क्षेत्र में एक नई उड़ान दी है। सरकार के इस प्रयास ने न केवल किसानों के जीवन को सरल बनाया है, बल्कि उन्हें अपनी मेहनत का पूरा फल भी दिया है। यह महापर्व छत्तीसगढ़ की समृद्धि और विकास के सपने को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
सरकार के द्वारा शुरू किया गया यह कदम साबित करता है कि सरकार किसानों की हित के लिए हमेशा से सक्रिय होकर काम कर रही है। मुख्यमंत्री साय के नेतृत्व में राज्य सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि हर किसान को उसके हिस्से का हक मिले और वह प्रदेश की प्रगति में अपना योगदान दे सके।
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धान खरीदी महापर्व प्रदेश के किसानों के लिए किसी त्यौहार से कम नहीं है। यह इस बात का संकेत है कि राज्य सरकार और किसानों के बीच एक मजबूत साझेदारी का प्रतीक है, जो राज्य को विकास और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में आगे बढ़ा रही है। यह प्रयास किसानों के विकास के साथ-साथ राज्य को भी उन्नति की दिशा में नई राह दे रही है।
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