PM मोदी के 11 संकल्प: भारत के विकास का नया विजन

बीते सोमवार को संसद के पवित्र मंच से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के विकास और प्रगति को नई दिशा देने वाले 11 संकल्पों को सदन के सामने रखा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संविधान की भावना और उसके आदर्शों से प्रेरित होकर इन संकल्पों के माध्यम से भारत के समूचे विकास, समाज में समानता, भ्रष्टाचार मुक्त शासन और महिला सशक्तिकरण जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों को रेखांकित किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि ये संकल्प न केवल देश की वर्तमान समस्याओं को हल करने में सहायक होंगे बल्कि आने वाले वर्षों में भारत को वैश्विक मंच पर मजबूत राष्ट्र के रूप में स्थापित करेंगे।

PM मोदी के 11 संकल्प: भारत के विकास का नया विजन

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आइये जानते हैं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 11 संकल्पों के बारे जिनका जिक्र सदन भवन में उन्होंने किया है :

1. नागरिकों और सरकार का कर्तव्य पालन:

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देश के विकास के लिए सबसे जरूरी है कि हर व्यक्ति और सरकार अपने कर्तव्यों का पालन करें। उन्होंने महात्मा गांधी का जिक्र करते हुए कहा कि कर्तव्यों के प्रति समर्पण ही अधिकारों का सही सम्मान है। सभी को ईमानदारी से अपना योगदान देना चाहिए ताकि देश का प्रत्येक नागरिक प्रगति में सहभागी बने।

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2. सबका साथ, सबका विकास:

प्रधानमंत्री ने “सबका साथ, सबका विकास” की नीति को दोहराते हुए कहा कि भारत में हर वर्ग, हर क्षेत्र, और हर समाज को विकास का समान लाभ मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर समाज का अंतिम व्यक्ति विकास की मुख्यधारा से जुड़ता है, तभी राष्ट्र मजबूत होगा।

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सबका साथ, सबका विकास
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3. भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस:

प्रधानमंत्री ने भ्रष्टाचार को देश की प्रगति का सबसे बड़ा दुश्मन बताया। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में कोई समझौता नहीं किया जाएगा। साथ ही उन्होंने समाज में भ्रष्टाचारियों की स्वीकार्यता को खत्म करने की बात कही ताकि ईमानदारी को बढ़ावा मिले।

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4. कानून, नियम और परंपराओं का सम्मान:

प्रधानमंत्री ने देश के कानून, संविधान और परंपराओं का पालन करने की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने कहा कि नागरिकों को देश के नियमों का पालन करते हुए गर्व महसूस करना चाहिए। यह न केवल कानून व्यवस्था को मजबूत करेगा बल्कि देश में अनुशासन की संस्कृति को भी बढ़ावा देगा।

कानून
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5. गुलामी की मानसिकता से मुक्ति:

प्रधानमंत्री ने कहा कि गुलामी की मानसिकता अब समाप्त होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें अपनी गौरवशाली संस्कृति और परंपराओं पर गर्व करना चाहिए। आत्मनिर्भर भारत की भावना को अपनाकर हमें विदेशी प्रभावों से मुक्त होकर अपनी विरासत को संजोना होगा।

Freedom
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6. राजनीति में परिवारवाद से मुक्ति:

परिवारवाद की राजनीति पर प्रहार करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि लोकतंत्र में परिवारवाद का कोई स्थान नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि राजनीति में योग्यता, ईमानदारी और जनता की सेवा का जज्बा होना जरूरी है। परिवारवाद लोकतंत्र को कमजोर करता है और युवा प्रतिभाओं को अवसरों से वंचित करता है।

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7. संविधान का सम्मान:

प्रधानमंत्री ने संविधान को सर्वोच्च बताते हुए कहा कि इसे राजनीतिक स्वार्थों के लिए हथियार न बनाया जाए। उन्होंने कहा कि संविधान का सम्मान प्रत्येक नागरिक और राजनेता की जिम्मेदारी है। उन्होंने संविधान की रक्षा और इसके आदर्शों को अपनाने की बात कही।

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8. आरक्षण के अधिकार की रक्षा:

प्रधानमंत्री ने कहा कि संविधान द्वारा दिए गए आरक्षण के अधिकार की रक्षा की जाएगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि जो लोग आरक्षण के हकदार हैं, उनसे यह अधिकार नहीं छीना जाएगा। साथ ही उन्होंने धर्म के आधार पर आरक्षण की किसी भी कोशिश को अस्वीकार करने की बात कही।

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9. महिला नेतृत्व वाला विकास:

प्रधानमंत्री ने महिलाओं की भागीदारी को देश की ताकत बताते हुए कहा कि भारत को “women-led development” का वैश्विक उदाहरण बनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि महिलाओं के सशक्तिकरण से न केवल परिवार बल्कि पूरा समाज मजबूत होता है।

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10. राज्य के विकास से राष्ट्र का विकास:

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के विकास का आधार उसके राज्य हैं। जब प्रत्येक राज्य प्रगति करेगा, तभी संपूर्ण राष्ट्र विकास की ओर अग्रसर होगा। उन्होंने राज्य और केंद्र सरकारों के बीच बेहतर समन्वय और सहयोग पर जोर दिया।

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11. एक भारत, श्रेष्ठ भारत:

प्रधानमंत्री ने “एक भारत, श्रेष्ठ भारत” को सर्वोपरि बताया। उन्होंने कहा कि देश की एकता और अखंडता हमारी सबसे बड़ी शक्ति है। सभी को मिलकर भारत को श्रेष्ठ बनाने के लिए काम करना होगा ताकि यह सपना साकार हो सके।

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संकल्पों का उद्देश्य:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इन 11 संकल्पों का मुख्य उद्देश्य देश को प्रगति, समानता और स्वाभिमान के पथ पर आगे बढ़ाना है। उन्होंने कहा कि ये संकल्प भारत के उज्ज्वल भविष्य की नींव रखेंगे और देश को दुनिया के लिए एक प्रेरणादायक उदाहरण बनाएंगे।

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन के अंत में सभी नागरिकों से इन संकल्पों को अपनाने का आग्रह किया ताकि एक सशक्त, आत्मनिर्भर और गौरवशाली भारत का निर्माण किया जा सके। उन्होंने कहा कि यदि हम एकजुट होकर इन संकल्पों पर अमल करेंगे तो “एक भारत, श्रेष्ठ भारत” का सपना जरूर साकार होगा।

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By PARAS

Paras Nath is a passionate content creator and writer at Buzzera.in, covering news, entertainment, cricket, automobiles and poetry etc. With a keen eye for detail and a dedication to storytelling, he brings fresh insights and engaging content to his readers. Always eager to learn and evolve, Paras blends creativity with information to make an impact.

           

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