Stock Market Crash: सेंसेक्स और निफ्टी में भारी गिरावट, सेंसेक्स पहुँचा 74500 के नीचे

Stock Market में भारी गिरावट

भारतीय Stock Market के पतन का सिलसिला अक्टूबर 2024 से शुरू हुआ था जो अब तक चल ही रहा है, अक्टूबर से पहले भारतीय शेयर बाजार अपने पीक पर था और सेंसेक्स अपने ऑल टाइम हाई 85978.25 तक जा पहुँचा था I लेकिन सेंसेक्स सहित बाकि इंडेक्स में अक्टूबर महीने में गिरावट शुरू हुआ तो मार्केट ने एक के बाद एक अपने सारे सपोर्ट को ब्रेक करता गया I अब नौबत ऐसी आ गयी है कि पूरा भारतीय शेयर लगातार गिरता जा रहा है और रुकने का नाम ही नहीं ले रहा है I पिछले पाँच महीने में सेंसेक्स 85978.25 से 74454.41 तक जा पहुँचा I

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मार्केट में गिरावट होने की असली वजह

भारतीय शेयर बाजार में हुई गिरावट होने के कई कारण सामने निकलकर आ रहे हैं, जिनमें से भारतीय मुद्रा का डॉलर की तुलना में कम होना है आज एक डॉलर की कीमत 86.76 रु. है जबकि 5 फरवरी को 1 डॉलर की कीमत 87.65 रूपये तक पहुँच गया था I युक्रेन युद्ध से मार्केट में गिरावट देखने को मिला था I वहीं मार्केट क्रैश होने का दूसरा बड़ा कारण है विदेशी निवेशकों द्वारा लगातार बिकवाली किया जाना, तीसरा बड़ा कारण अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्व्रारा टैरिफ लगाने की ख़बर से भी भारतीय शेयर बाजार इन दिनों घबराया हुआ जिससे मार्केट में गिरावट बना हुआ है I

Stock Market में भारी गिरावट
Market Crash : Sensex

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कौन सा इंडेक्स कितना गिरा

भारतीय शेयर बाजार में पिछले छः महीने से लगातार की स्थिति बनी हुई है I निफ्टी में सितम्बर 2024 में 26277.35 तक अपने 52 वीक के हाई पहुँच गया था लेकिन पिछले 6 महीने में 22547.55 तक जा पहुँचा है I निफ्टी 6 महीने में 2358.55 अंक नीचे गिरा है, सेंसेक्स 6786.14 अंक, बैंक निफ्टी 2492.30, निफ्टी मिडकैप सेलेक्ट 1972.95 अंक, फिननिफ्टी 288 अंक और BSE बैंकेक्स में 2824.84 अंक की गिरावट हुई है जो कोरोनाकाल में हुए (2020) मार्केट क्रैश से कहीं ज्यादा है I

ऐतिहासिक रूप से बड़े मार्केट क्रैश और उनका प्रभाव

भारतीय शेयर बाजार में 1992 में हर्षद मेहता स्कैम के कारण मार्केट में निवेशकों को भरोसा डगमगाया था जिससे सभी निवेशक मार्केट से पैसा निकालने लगे थे और मार्केट में भारी गिरावट देखने को मिला था I 2008 का ग्लोबल फाइनेंसियल जिसका मुख्य कारण अमेरिका में सबप्राइम मोर्टगेज संकट और लेहमन ब्रदर्स का दिवालिया होना, इस समय सेंसेक्स में 60 % की भारी गिरावट देखने को मिला था I 2020 में आए कोरोना महामारी के कारण मार्केट भारी क्रैश हुआ था I

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मार्केट क्रैश के दौरान निवेशकों की प्रतिक्रिया

शेयर बाजार में बुलिश और बियरिश मूवमेंट देखने को मिलता ही है ऐसे में सभी निवेशकों और ट्रेडर्स को धैर्य बनाए रखना चाहिए I बड़े मार्केट क्रैश की स्थिति में निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो में से स्टॉक को सेल करने के बजाय अच्छे फंडामेंटल वाले स्टॉक्स को खरीदने के बारे में विचार करना चाहिए I वहीं ट्रेडर्स को शॉर्ट सेल अपने रिस्क मैनेजमेंट के साथ करना चाहिए I मार्केट में गिरावट के समय SIP करना लाभदायक हो सकता है क्योंकि लॉन्ग टर्म में इसमें मुनाफ़ा ही देखने को मिलता है I

Market Crash से कौन से सेक्टर ज्यादा प्रभावित हुए

मार्केट क्रैश से ज्यादातर बैंकिंग और फाइनेंस सेक्टर, आईटी सेक्टर, रियल स्टेट और ऑटोमोबाइल सेक्टर के शेयर में काफी गिरावट देखने को मिला है I बैंकों के शेयर में गिरावट की वजह से बैंकों को काफी नुक्सान हुआ है जिसका असर बैंक के कस्टमर्स को अपने बकाया ब्याजदर में हुए बदलाव में देखने को मिला है I

कब तक हो सकता है मार्केट में रिकवरी

अभी ट्रम्प द्वारा टैरिफ लगाने की बात को लेकर मार्केट में जो भगदड़ मचा हुआ है यह कब तक थमेगा कुछ कहा नहीं जा सकता, ऐसे में सभी निवेशकों और ट्रेडर्स को मार्केट में संभलकर चलना होगा I 2008 मार्केट क्रैश को रिकवर होने में 1 से 2 साल का समय लग गया था जबकि 2020 में मार्केट ने 6 महीने में ही रिकवर कर लिया था I ऐसे में कुछ भी सही भविष्यवाणी कर पाना मुमकिन नहीं है कि मार्केट कब तक रिकवर कर पायेगा I

खुद को भविष्य में होने वाले Market Crash से कैसे बचाएँ

भारतीय शेयर बाजार में अभी गिरावट का सिलसिला चल रहा है और अधिकतर इन्वेस्टर के पोर्टफोलियो लाल नजर आ रहा है ऐसे में निवेशकों को आने वाले मार्केट क्रैश से खुद को संभालना होगा और अपने पोर्टफोलियो किसी एक ही स्टॉक में सारा पैसा न लगाकर अलग-अलग बेह्टर फंडामेंटल वाले स्टॉक्स में निवेश करके रखना चाहिए I

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By PARAS

Paras Nath is a content creator at Buzzera.in, where he writes on news, entertainment, cricket, automobiles, and stock market updates. He strives to deliver content that is both engaging and informative for his readers.

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