हाल ही में सूरजपुर में हुए दोहरे हत्याकांड ने प्रदेशभर में हलचल मचा दी। अपराधी कुलदीप साहू की अवैध संपत्तियों पर प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए उसे नोटिस जारी किया और बुलडोजर चलाकर अवैध निर्माण को ध्वस्त कर दिया। इस कार्रवाई के बाद जहां प्रशासन सख्ती से अपने फैसलों का पक्ष ले रहा है, वहीं राजनैतिक गलियारों में इस मुद्दे पर सवाल उठने लगे हैं।
सूरजपुर का दोहरे हत्याकांड
सूरजपुर का यह हत्याकांड अत्यधिक जघन्य था, जिसने पूरे जिले और प्रदेश को स्तब्ध कर दिया। जहाँ प्रधान आरक्षक की पत्नी और उसकी मासूम बेटी की कुलदीप साहू और उनके साथियों ने बेरहमी से हत्या कर दिया था, जिसके पश्चात् पुलिस की टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। नगर पालिका ने नोटिस जारी कर आरोपी के कई ठिकानों पर बुलडोजर चलाकर अवैध निर्माण को गिराया गया।
सूरजपुर हत्याकांड: प्रधान आरक्षक की पत्नी और बेटी की हत्या, आरोपी गिरफ्तार
आरोपी की संपत्तियों पर चला बुलडोजर
सोमवार की तड़के की सुबह प्रशासन ने आरोपी कुलदीप साहू की बाजार पारा और मानपुर वार्ड क्रमांक 14 स्थित अवैध संपत्तियों को निशाना बनाते हुए बुलडोजर कार्रवाई शुरू की। उसकी तिलसिवां सर्किट हाउस के पास बनी अवैध बाउंड्री वॉल और चार एकड़ में फैली संपत्ति पर भी कार्रवाई की गई। इसमें गोदाम और कई कमरों का निर्माण शामिल था, जिसे नगर पालिका के द्वारा ध्वस्त कर दिया गया।
कुलदीप साहू की फैमली को मिला दो बार नोटिस
तहसीलदार समीर शर्मा के अनुसार, प्रशासन ने आरोपी के परिवार को दो बार नोटिस जारी किया था। नगरपालिका ने उसे अवैध निर्माण और अतिक्रमण से संबंधित दस्तावेज पेश करने के लिए कहा, लेकिन परिवार की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। इस स्थिति को देखते हुए नगरपालिका ने कानूनी आधार पर अवैध निर्माण को हटाने का निर्णय लिया।
आसपास के लोगों ने कुलदीप साहू के द्वारा किए गए अतिक्रमण और कबाड़ की शिकायत की थी। इस कबाड़ से स्थानीय मुख्यमार्ग में आवागमन बाधित हो रहा था और इसे हटाने के लिए नगर पालिका द्वारा कार्रवाई की गई। तहसीलदार समीर शर्मा के अनुसार, अभी आरोपी के तीन अन्य ठिकानों पर भी कार्रवाई होनी बाकी है, जहाँ कबाड़ रखकर अवैध निर्माण किया गया है।

तहसीलदार शर्मा ने बताया कि प्रशासन को अब तक आरोपी की पूरी अवैध संपत्ति का आकलन नहीं हो पाया है। हालांकि, उनका कहना है कि ज्यादातर संपत्ति कबाड़ के रूप में ही सामने आई है। सरकारी प्रक्रिया के तहत अभी अन्य संपत्तियों की जांच जारी है।
बुलडोजर कार्रवाई पर टी. एस. सिंह देव का बयान
पूर्व उपमुख्यमंत्री टी. एस. सिंह देव ने इस कार्रवाई को अनुचित ठहराते हुए कहा कि यह सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना है। उन्होंने प्रशासन की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कहा कि प्रशासन इस प्रकार की कार्रवाई करके क्या साबित करना चाहता है। सिंह देव ने यह भी आरोप लगाया कि कुलदीप साहू सूरजपुर थाने में आकर पुलिस को बोलता था कि जाओ समोसा लेकर आओ, इस तरह से आदेश देता था और अब प्रशासन बुलडोजर की कार्रवाही करके क्या साबित करना चाहते हैं?

सिंह देव के बयान के बाद प्रदेश में राजनैतिक चर्चा गर्मा गई है। उनके अनुसार, बिना कोर्ट के आदेश के इस प्रकार की कार्रवाई करना कानूनी प्रक्रिया का उल्लंघन है। इस बयान के बाद सत्ताधारी पार्टी और विपक्षी नेताओं के बीच बयानबाजी का दौर शुरू हो गया है।
प्रशासन की कार्रवाई पर जनता का नजरिया
आम जनता का एक वर्ग प्रशासन की इस कार्रवाई का समर्थन कर रहा है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि आरोपी के द्वारा किया गया अतिक्रमण कई वर्षों से समस्या बना हुआ था और प्रशासन का कदम सही दिशा में है। वहीं, कुछ लोग यह सवाल उठा रहे हैं कि प्रशासन को इतनी जल्दी बुलडोजर कार्रवाई करने की जरूरत क्या थी।
प्रशासन द्वारा की गई यह कार्रवाई लोगों के लिए एक सीख भी बन सकती है। हालांकि, कुछ लोगों का मानना है कि बिना कानूनी आधार के यह कदम उठाना प्रशासन की शक्ति का गलत इस्तेमाल है। यदि आरोपी पर आरोप सिद्ध हो जाते हैं, तो यह कदम सही साबित हो सकता है, लेकिन बिना जांच पूरी हुए इतनी सख्त कार्रवाई करना न्याय के सिद्धांतों के खिलाफ हो सकता है।
आगे की कार्रवाई
तहसीलदार समीर शर्मा ने कहा है कि आरोपी की अन्य संपत्तियों की भी जांच अभी चल रही है। प्रशासन ने यह भी संकेत दिया है कि भविष्य में और भी ठिकानों पर कार्रवाई की जा सकती है, जहाँ अवैध निर्माण और अतिक्रमण की संभावना है।
प्रशासन का कहना है कि उनकी पूरी कोशिश है कि सभी कार्रवाई कानून और न्याय के दायरे में की जाए। हालाँकि, राजनैतिक बयानबाजी और जनता के अलग-अलग विचारों के बीच, प्रशासन को न्यायसंगत और निष्पक्ष निर्णय लेने की आवश्यकता है ताकि जनता का विश्वास प्रशासनिक प्रणाली में बना रहे।
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सूरजपुर में हुए इस दोहरे हत्याकांड और उसके बाद की प्रशासनिक कार्रवाई ने प्रदेश में काफी हलचल मचा दी है। बुलडोजर कार्रवाई को लेकर राजनैतिक विवाद और कानूनी सवाल उठ रहे हैं। प्रशासन अपने फैसले के समर्थन में है, जबकि विपक्ष इसे गलत ठहरा रहा है। आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि यह मामला कैसे आगे बढ़ता है और क्या प्रशासन की सख्ती कानून के अनुसार थी।
क्या प्रशासन की बुलडोजर कार्रवाई कानूनी है?
प्रशासन का कहना है कि उन्होंने कानून के अनुसार नोटिस जारी किया था, लेकिन राजनैतिक नेताओं का आरोप है कि यह सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना है।
सूरजपुर दोहरे हत्याकांड में मुख्य आरोपी कौन है?
सूरजपुर दोहरे हत्याकांड में मुख्य आरोपी कुलदीप साहू है.