नवरात्रि द्वितीया पूजा: कैसे करें माँ ब्रह्मचारिणी की आराधना

नवरात्रि 2024: माँ ब्रह्मचारिणी की पूजा विधि और  शुभ रंग का अद्भुत महत्व

आज, 4 अक्टूबर 2024, शारदीय नवरात्रि का दूसरा दिन है, जिसे पूरे भारत में भक्ति और उत्साह के साथ मनाया जा रहा है। यह दिन माँ ब्रह्मचारिणी की पूजा के लिए समर्पित है, जो देवी दुर्गा का दूसरा रूप हैं। इस दिन भक्त अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए माँ ब्रह्मचारिणी का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। उनकी तपस्या और भक्ति के लिए उन्हें विशेष रूप से पूजा जाता है, जो हर भक्त को शक्ति और समर्पण का आशीर्वाद देती हैं।

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माँ ब्रह्मचारिणी का महत्व

पौराणिक कथाओं में, देवी पार्वती ने ब्रह्मचारिणी का रूप धारण कर कठोर तपस्या की थी ताकि भगवान शिव को पति के रूप में प्राप्त कर सकें। उनका यह रूप आत्म-संयम, धैर्य, और भक्ति का प्रतीक है। उनकी आराधना से मनुष्य को मानसिक और आध्यात्मिक शक्ति मिलती है, जिससे वह कठिन से कठिन परिस्थितियों का सामना कर सकता है। ऐसा कहा जाता है कि जो भक्त माँ ब्रह्मचारिणी की पूजा करता है, उसे दीर्घकालिक सुख, समृद्धि और आंतरिक शांति प्राप्त होती है।

माँ ब्रह्मचारिणी की मूर्ति या चित्रण में वह एक शांत और संयमित मुद्रा में दिखाई देती हैं, जिसमें उनके एक हाथ में माला और दूसरे हाथ में कमंडल होता है। यह प्रतीक है कि वह भक्ति और तपस्या के माध्यम से जीवन की गहराई को समझने का मार्ग प्रदान करती हैं। उनकी पूजा करने से जीवन में आने वाली कठिनाइयों का सामना करने की क्षमता मिलती है, और व्यक्ति धैर्यपूर्वक जीवन की चुनौतियों का सामना कर सकता है।

दूसरे दिन की पूजा विधि

दूसरे दिन की पूजा की विधि काफी महत्वपूर्ण मानी जाती है। भक्त इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करते हैं और पूजा स्थल को गंगाजल से शुद्ध करते हैं। पूजा की शुरुआत माँ ब्रह्मचारिणी को चमेली के फूल, रोली, चंदन और चावल अर्पित करने से होती है।

देवी के लिए विशेष मिष्ठान्न जैसे शुद्ध घी से बनी मिठाइयों का भोग लगाया जाता है। माँ की आरती के समय भक्त “ओम देवी ब्रह्मचारिण्यै नमः” मंत्र का जाप करते हैं। यह मंत्र विशेष रूप से माँ ब्रह्मचारिणी की कृपा प्राप्त करने के लिए किया जाता है। पूजा में घी का दीपक जलाना और उनकी मूर्ति या चित्र का विशेष श्रृंगार करना भी शुभ माना जाता है। भक्ति से की गई यह पूजा जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और सुख-समृद्धि लाती है।

द्रिक पंचांग के अनुसार, द्वितीया तिथि 4 अक्टूबर को शुरू हुई और 5 अक्टूबर की सुबह 5:30 बजे तक रहेगी।

आज का शुभ रंग: हरा

आज के दिन पूजा करने के लिए सबसे शुभ समय ब्रह्म मुहूर्त में सुबह 4:38 बजे से 5:27 बजे तक रहेगा। अगर आप इस समय पूजा नहीं कर पाते हैं, तो अभिजीत मुहूर्त में 11:46 बजे से 12:33 बजे तक भी पूजा कर सकते हैं। दोनों मुहूर्त विशेष रूप से पवित्र माने जाते हैं और इस समय की गई पूजा अधिक फलदायी होती है।

आज का शुभ रंग हरा है, जो शांति, वृद्धि और सकारात्मकता का प्रतीक है। यह रंग भक्तों को मानसिक शांति और स्थिरता प्रदान करता है। नवरात्रि के दूसरे दिन हरे रंग के वस्त्र धारण करने से भक्तों को देवी की विशेष कृपा प्राप्त होती है। हरा रंग माँ ब्रह्मचारिणी की भक्ति और तपस्या को दर्शाता है, इसलिए इसे इस दिन पहनना अत्यधिक शुभ माना जाता है।

नवरात्रि 2024 का शेड्यूल

आज की पूजा का शुभ मुहूर्त ब्रह्म मुहूर्त में सुबह 4:38 बजे से 5:27 बजे तक और अभिजीत मुहूर्त 11:46 बजे से 12:33 बजे तक रहेगा। आज का शुभ रंग हरा है, जो शांति और उर्वरता का प्रतीक है। भक्त हरे वस्त्र धारण कर पूजा में सम्मिलित होते हैं, जो सकारात्मक ऊर्जा और देवी की कृपा प्राप्त करने में सहायक माना जाता है।

By PARAS

Paras Nath is a content creator at Buzzera.in, where he writes on news, entertainment, cricket, automobiles, and stock market updates. He strives to deliver content that is both engaging and informative for his readers.

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