ICC के फैसले पर विवाद बढ़ा
संयुक्त राज्य अमेरिका के आगामी सीनेट बहुमत नेता, जॉन थूम, ने हाल ही में एक विवादित बयान देते हुए अंतरराष्ट्रीय आपराधिक अदालत (ICC) को चेतावनी दी है। उन्होंने कहा है कि अगर ICC इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ जारी किए गए गिरफ्तारी वारंट को रद्द नहीं करता, तो अमेरिका उस अदालत पर प्रतिबंध लगाने पर विचार करेगा।

रिपोर्ट्स के मुताबिक़, यह बयान ऐसे समय पर आया है जब ICC इजराइल और फिलिस्तीन के बीच चल रहे विवाद में कथित मानवाधिकार उल्लंघनों की जांच कर रही है। इस जांच के तहत इजरायली अधिकारियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किए गए हैं, जिनमें प्रधानमंत्री नेतन्याहू का नाम भी शामिल है।
जॉन थूम ने कहा, “अंतरराष्ट्रीय आपराधिक अदालत को समझना होगा कि वह न्याय के नाम पर राजनीतिक एजेंडे को बढ़ावा नहीं दे सकती। अगर वह इजराइल जैसे लोकतांत्रिक देश के नेताओं को निशाना बनाना जारी रखती है, तो अमेरिका इसे बर्दाश्त नहीं करेगा।”

इजराइल-अमेरिका संबंधों पर प्रभाव
अमेरिका का यह कदम इजराइल के प्रति उसके मजबूत समर्थन को दिखाता है। अमेरिका लंबे समय से इजरायल का प्रमुख सहयोगी रहा है और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उसकी सुरक्षा और नीतियों का समर्थन करता रहा है।
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विशेषज्ञों का मानना है कि यह चेतावनी ICC और अमेरिका के बीच संबंधों को और खराब कर सकती है। साथ ही, यह इजराइल-फिलिस्तीन मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय मंचों में पहले से ही मौजूद तनाव को और बढ़ा सकती है।
ICC की प्रतिक्रिया का इंतजार
अभी तक ICC की ओर से इस चेतावनी पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। हालांकि, मानवाधिकार संगठनों और अन्य देशों ने अमेरिका के इस रवैये की आलोचना की है। उनका कहना है कि यह न्याय प्रक्रिया में हस्तक्षेप करने और अंतरराष्ट्रीय कानून का अपमान करने जैसा है।
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अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या ICC इस दबाव के आगे झुकता है या अपने फैसले पर कायम रहता है। साथ ही, अमेरिका की यह धमकी वैश्विक मंच पर क्या प्रभाव डालती है, यह आने वाले दिनों में स्पष्ट होगा।
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