छत्तीसगढ़ में हाथियों की बढ़ती मौतें, करंट लगने से दुखद घटनाएं
छत्तीसगढ़ में हाथियों की मौत के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। हाल ही में तखतपुर वनमंडल क्षेत्र में तीन हाथियों की करंट लगने से दर्दनाक मौत हो गई। मृत हाथियों में एक मादा हाथी, उसका बच्चा और एक अन्य हाथी शामिल थे, जो खेत में बिछाए गए तार की चपेट में आ गए। इस घटना के बाद उस खेत के मालिक और उसके बेटे को हिरासत में लिया गया, जिनके द्वारा खेत में अवैध रूप से बिजली का तार लगाया गया था, जिसके कारण इन हाथियों की मौत हुई।

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सूत्रों के अनुसार, कुछ अन्य हाथी अभी भी उस इलाके में विचर रहे हैं और आसपास के गांवों में किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। कई ग्रामीणों ने शिकायत की है कि हाथी उनके कच्चे मकानों में घुसकर अनाज भी नष्ट कर रहे हैं, जिससे ग्रामीणों में भय और असुरक्षा का माहौल है।
वन विभाग ने पहले भी इस समस्या को गंभीरता से लिया था, लेकिन अब उनकी चिंता हाथियों की सुरक्षा को लेकर अधिक हो गई है। दरअसल, जंगलों के आसपास कई स्थानों पर बिजली के खम्बे लगे हुए हैं, जिनकी चपेट में आने से हाथियों की मौत हो रही है। इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए मुंगेली वनमंडल के डीएफओ संजय यादव ने बीते शुक्रवार को तुलसाघाट नर्सरी, लोरमी में एक सभा का आयोजन किया।

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इस बैठक में सीएसपीडीसीएल के कार्यपालन यंत्री, खुड़िया के सहायक अभियंता और वन विभाग के अन्य अधिकारी शामिल थे। इसमें जंगलों के पास लगे बिजली के खम्बों की ऊंचाई बढ़ाने पर सहमति बनी ताकि हाथियों के जानमाल की रक्षा की जा सके। बैठक में बिजली विभाग के अधिकारियों को हादसों को रोकने के लिए तुरंत कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया। बिजली विभाग ने आश्वासन दिया कि वे इस कार्य को जल्द से जल्द पूरा करेंगे। इसके अतिरिक्त, अवैध हुकिंग करने वालों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जा रही है और ग्रामीणों को जंगली जानवरों के प्रति सतर्क रहने की हिदायत दी जा रही है।
वन विभाग ने यह भी कहा कि हाथियों द्वारा किसानों की फसलों को हुए नुकसान का मुआवजा दिया जाएगा। साथ ही, अवैध बिजली कनेक्शन करने वाले ग्रामीणों के खिलाफ भी कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।