बलरामपुर जिले के तातापानी में मकर संक्रांति के पावन अवसर पर तीन दिवसीय तातापानी महोत्सव का शुभारंभ भव्य रूप से किया गया। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय द्वारा दीप प्रज्वलित कर महोत्सव का उद्घाटन किया और तपेश्वर महादेव की पूजा-अर्चना कर प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि की कामना की। इस महोत्सव ने धार्मिक, सांस्कृतिक और विकासात्मक गतिविधियों का समागम प्रस्तुत किया।
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177 करोड़ राशि के विकास कार्यों का लोकार्पण और भूमिपूजन
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर 177 करोड़ रुपये की लागत से जिले में 198 विकास कार्यों का लोकार्पण और भूमिपूजन किया। इन कार्यों में सड़क निर्माण, शहरी सुविधाओं का विस्तार, शिक्षा और स्वास्थ्य से संबंधित योजनाएं शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन विकास कार्यों से जिले की आधारभूत संरचना मजबूत होगी और स्थानीय लोगों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी।
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300 जोड़ों का सामूहिक विवाह हुआ सम्पन्न
तातापानी महोत्सव के पहले दिन सामाजिक समरसता और परंपरागत मान्यताओं के प्रतीक के रूप में 300 कन्याओं का सामूहिक विवाह संपन्न हुआ। मुख्यमंत्री ने इन नवविवाहित जोड़ों को आशीर्वाद दिया और उनके सुखी दांपत्य जीवन की कामना की। इस आयोजन ने न केवल समाज में एकता और सहयोग की भावना को बढ़ावा दिया, बल्कि इसे एक ऐतिहासिक आयोजन बना दिया। यह आयोजन हर साल की भांति इस साल भी सफलतापूर्वक आयोजित हुआ, जिसमें कन्याओं ने अपनी रजामंदी से इसमें हिस्सा लिया।

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ऑडिटोरियम की स्वीकृति
बलरामपुर जिले के कॉलेज के छात्रों और स्थानीय निवासियों की लंबे समय से चली आ रही मांग को पूरा करते हुए मुख्यमंत्री ने बलरामपुर में एक आधुनिक ऑडिटोरियम निर्माण की मंजूरी दी। यह ऑडिटोरियम सांस्कृतिक कार्यक्रमों, शैक्षणिक गतिविधियों और अन्य महत्वपूर्ण सभाओं के आयोजन के लिए एक महत्वपूर्ण स्थल बनेगा।

गरिमा दिवाकर और स्वर्णा दिवाकर ने बांधा समां
तातापानी महोत्सव के पहले दिन आयोजित रात्रिकालीन सांस्कृतिक कार्यक्रम गरिमा दिवाकर और स्वर्णा दिवाकर दोनों बहनों ने अपने सुरीले और मधुर आवाज़ से दर्शकों का दिल जीत लिया। छत्तीसगढ़ी लोकगीतों से गरिमा दिवाकर और स्वर्णा दिवाकर ने स्थानीय लोगों को झूमने पर मजबूर कर दिया।

तातापानी में हजारों लोगों ने की शिरकत
महोत्सव के पहले दिन तातापानी में हजारों की संख्या में लोगों की भीड़ उमड़ी। इस महोत्सव ने दूर दराज लोगों को एक साथ आने और अपनी परंपराओं को मनाने का अवसर प्रदान किया। महोत्सव में क्षेत्र के कोने-कोने से आए श्रद्धालु और स्थानीय नागरिक शामिल हुए, जिन्होंने इस आयोजन को ऐतिहासिक बना दिया।
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तातापानी महोत्सव क्यों खास है ?
तातापानी महोत्सव अपने गर्म जल स्त्रोत के लिए जाना जाता है यहाँ सालभर गर्म पानी निकलता रहता है। इसके उपलक्ष में हर साल मकर सक्रान्ति में इसका आयोजन किया जाता है। जिसे देखने सीमा से लगे राज्य झारखण्ड और उत्तरप्रदेश से भी लोग आते हैं। यह न केवल एक धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन है, बल्कि यह क्षेत्र के विकास और समृद्धि का प्रतीक भी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह महोत्सव छत्तीसगढ़ की संस्कृति, परंपरा और सामाजिक विकास का दर्पण है।

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तीन दिवसीय महोत्सव के आगामी दिनों में और भी कई आकर्षक और महत्वपूर्ण कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। यह महोत्सव न केवल बलरामपुर जिले के लिए बल्कि पूरे प्रदेश के लिए गौरव का विषय है।
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