अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने 2 अप्रैल को वैश्विक व्यापार नीति में बड़ा बदलाव करते हुए सभी आयातित वस्तुओं पर 10% का नया टैरिफ लगाने की घोषणा की है। ट्रम्प के इस फैसले के बाद अंतर्राष्ट्रीय बाजार में भारी उथल-पुथल मचने की संभावना है। वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के अनुसार, डोनाल्ड ट्रम्प ने इस नीति को लागू करने का संकेत दिया है, जिससे भारत, वियतनाम, थाईलैंड और चीन जैसे देशों को बड़ा झटका लगने वाला है।
क्या है नया टैरिफ और कैसे बदलेगा व्यापार का नक्शा?
ट्रम्प प्रशासन द्वारा घोषित इस नीति के तहत सभी आयातित वस्तुओं पर 10% बेसलाइन टैरिफ लागू होगा।विदेशी ऑटोमोबाइल पर 25% का टैरिफ लगेगा, जिससे अमेरिका में आने वाली गाड़ियों की कीमतों में वृद्धि होगी।सस्ते चीनी आयातों पर मिलने वाली छूट खत्म करने पर विचार किया जा रहा है।भारत, वियतनाम और थाईलैंड जैसे देशों के आयातों पर भी अतिरिक्त शुल्क लगाने की योजना है।अमेरिकी व्यापार नीति में यह बदलाव चीन के साथ बढ़ते व्यापारिक तनाव और घरेलू उत्पादकों को संरक्षण देने के लिए उठाया गया कदम माना जा रहा है। हालांकि, इसका असर अमेरिका के खुद के उपभोक्ताओं पर भी पड़ेगा, जिन्हें अब महंगे उत्पादों के लिए अधिक भुगतान करना पड़ सकता है।
भारत पर पड़ने वाले प्रभाव
अमेरिका द्वारा इस नीति के लागू होने से भारत को आर्थिक मोर्चे पर नुकसान उठाना पड़ सकता है। भारत अमेरिका को टेक्सटाइल, फार्मास्युटिकल्स, स्टील, ऑटो पार्ट्स और अन्य इलेक्ट्रॉनिक्स वस्तुएं निर्यात करता है। नए टैरिफ के लागू होने से भारतीय वस्तुओं की कीमतें बढ़ेंगी, जिससे उनकी प्रतिस्पर्धा में कमी आएगी और निर्यात प्रभावित होगा।इसके अलावा, अमेरिका में भारतीय आईटी कंपनियों की सेवाओं पर भी अप्रत्यक्ष रूप से प्रभाव पड़ सकता है। यदि अमेरिका अपने घरेलू बाजार को प्राथमिकता देता है, तो भारतीय कंपनियों को नए व्यापारिक रणनीतियों पर विचार करना पड़ सकता है।
अमेरिका ने भारत पर फिलहाल 26% टैरिफ लगाया है इससे भारतीय टेक्सटाइल, ऑटोमोबाइल और फार्मा सेक्टर पर बड़ा असर देखने को मिलने वाला है ।
विदेशी वाहन निर्माताओं को लगेगा झटका
अमेरिका ने विदेशी ऑटोमोबाइल पर 25% का टैरिफ लगाया है, जिससे जापान, दक्षिण कोरिया और जर्मनी जैसी कंपनियों पर भारी असर पड़ेगा। टेस्ला और फोर्ड जैसी अमेरिकी कंपनियों को इससे लाभ मिल सकता है, क्योंकि उन्हें कम प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ेगा।
अमेरिकी उपभोक्ताओं और कंपनियों पर असर
महंगे आयात का असर अमेरिकी उपभोक्ताओं पर सीधा पड़ेगा, जिन्हें कई उत्पादों के लिए अधिक भुगतान करना होगा।जो कंपनियां अपने प्रोडक्ट्स में आयातित वस्तुओं का उपयोग करती हैं, उनकी उत्पादन लागत बढ़ जाएगी ।स्थानीय अमेरिकी कंपनियों को इस फैसले से लाभ हो सकता है, क्योंकि घरेलू उत्पादों की मांग में वृद्धि हो सकती है।चीन-अमेरिका व्यापार युद्ध और बढ़ सकता है चीन के साथ पहले से ही जारी व्यापार युद्ध को यह कदम और बढ़ा सकता है। यदि अमेरिका वास्तव में चीनी सस्ते आयातों पर मिलने वाली छूट खत्म करता है, तो चीन भी जवाबी कार्रवाई कर सकता है। इससे वैश्विक व्यापार अस्थिर हो सकता है और कई देशों की अर्थव्यवस्था प्रभावित हो सकती है।
अमेरिका द्वारा लागू किये गए नये टैरिफ नीति से वैश्विक बाजार में नया मोड़ आ सकता है, भारत समेत अन्य देशों के लिए भी यह बड़ी चुनौती बनने वाली है अब उन देशों को नये व्यापारिक रास्ते निकालने पड़ेंगे I अब यह देखना काफी दिलचस्प होने वाला है कि अमेरिका द्वारा लागू किए गए नये टैरिफ पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं I
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