बजट 2025 : भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज संसद में अपना 8वाँ केंद्रीय बजट पेश करने जा रही हैं। यह बजट देश के लिए बेहद अहम होने वाला है क्योंकि यह लोकसभा चुनाव से पहले का अंतरिम बजट होगा। बजट को लेकर आम जनता, व्यापारी, निवेशक और उद्योग जगत की उम्मीदें टिकी हुई हैं। इस बार के बजट में किन क्षेत्रों को राहत मिलेगी और किन्हें चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा, यह देखने वाली बात होगी।
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बाजार और निवेशकों को बजट से उम्मीदें
बजट डे होने के कारण आज शेयर बाजार अपने निर्धारित समय 9:15 से 3:30 तक खुला रहेगा। हालांकि, हर साल की तरह इस दिन बाजार में उतार-चढ़ाव तेज रहने की संभावना है। वित्त मंत्री की घोषणाओं का सीधा असर सेंसेक्स और निफ्टी पर पड़ता है। शेयर बाजार के जानकारों के मुताबिक, निवेशकों को इस दिन सतर्क रहकर ट्रेडिंग करने की सलाह दी जाती है क्योंकि एक छोटी सी घोषणा भी बाजार की दिशा बदल सकती है।
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budget में किन क्षेत्रों को प्राथमिकता दी जाएगी और कौन-से सेक्टर को सरकार से प्रोत्साहन मिलेगा, यह तय करेगा कि बाजार किस तरह प्रतिक्रिया देगा। आमतौर पर, इंफ्रास्ट्रक्चर, बैंकिंग, टेक्नोलॉजी, कृषि और स्वास्थ्य क्षेत्रों में की गई घोषणाओं का बाजार पर बड़ा प्रभाव पड़ता है।
किन क्षेत्रों को मिल सकती है राहत और मुसीबत?
आम जनता की नजरें इस बार के budget पर खास तौर से टिकी हुई हैं। मध्यम वर्ग के लोग उम्मीद कर रहे हैं कि आयकर स्लैब में राहत मिलेगी, जिससे उनकी बचत में इजाफा हो सके। छोटे और मध्यम उद्यम (MSME) सेक्टर को भी सरकार से कुछ बड़े ऐलान की उम्मीद है, ताकि आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा दिया जा सके।
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संभावित बजटीय घोषणाएं कुछ इस प्रकार से हो सकती हैं:
मध्यवर्गीय करदाताओं को राहत देने के लिए सरकार टैक्स स्लैब में बदलाव कर सकती है। किसानों की आय बढ़ाने और कृषि क्षेत्र को सशक्त करने के लिए नए पैकेज की उम्मीद की जा रही है। परिवहन और हाईवे प्रोजेक्ट्स के लिए अतिरिक्त budget आवंटन संभव है। स्टार्टअप्स और डिजिटल सेक्टर को आगे बढ़ाने के लिए विशेष योजनाएं लाई जा सकती हैं। सरकार हेल्थकेयर और शिक्षा के क्षेत्र में बड़े निवेश की घोषणा कर सकती है।
निर्मला सीतारमण का बजट रिकॉर्ड
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 2019 से लगातार 8वीं बार budget पेश कर रही हैं। वह भारत की पहली पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री हैं। उनके कार्यकाल में कई ऐतिहासिक फैसले लिए गए, जिनमें कॉरपोरेट टैक्स में कटौती, आत्मनिर्भर भारत योजना और डिजिटल ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देने के लिए UPI इकोसिस्टम का विस्तार शामिल हैं।
पिछले कुछ वर्षों में उनके द्वारा पेश किए गए बजट में कई अहम फैसले लिए गए, जैसे कि कोरोनाकाल के दौरान राहत पैकेज, रोजगार सृजन योजनाएं और बुनियादी ढांचे के विकास के लिए बड़े पैमाने पर निवेश।
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अंतरिम बजट और चुनावी प्रभाव
यह budget एक अंतरिम budget होगा, क्योंकि देश में इस साल लोकसभा चुनाव होने हैं। इसका मतलब यह है कि सरकार इसमें केवल आवश्यक वित्तीय प्रबंधन से जुड़े फैसले ही लेगी, जबकि पूर्ण बजट नई सरकार द्वारा चुनावों के बाद पेश किया जाएगा।
हालांकि, राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि सरकार इस budget के जरिए जनता को राहत देने वाले कुछ ऐलान कर सकती है, जिससे चुनावी रणनीति को मजबूती मिले। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार अपनी उपलब्धियों को भी इस बजट के जरिए सामने रख सकती है।
बजट से जुड़े लोगों की प्रतिक्रियाएं
बजट को लेकर आम जनता, व्यापारी और उद्योगपतियों की अलग-अलग प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। एक कारोबारी ने कहा, “हमें उम्मीद है कि सरकार छोटे व्यापारियों के लिए टैक्स में राहत देगी और उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए नीतियाँ बनाएगी।”
वहीं, एक युवा कर्मचारी ने कहा, “हम चाहेंगे कि आयकर की सीमा बढ़ाई जाए, जिससे हमारी बचत में बढ़ोतरी हो।”
बजट में क्या हो सकता है खास?
अब से कुछ ही घंटों में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण budget पेश करने जा रही हैं। सभी की नजर इस बात पर टिकी है कि सरकार किसे राहत देगी और किन क्षेत्रों में सख्ती बरतेगी। निवेशक, व्यापारी और आम जनता, सभी इस बजट से बड़ी उम्मीदें लगाए बैठे हैं। अब देखना यह होगा कि यह बजट उनकी उम्मीदों पर कितना खरा उतरता है।