अभी हाल ही में रिलीज हुई छत्तीसगढ़ी फिल्म “डोली लेके आजा” सुर्ख़ियों में बना हुआ है इस फिल्म के गाने अभी हर जगह छाए हुए हैं। इस फिल्म को दर्शकों द्वारा ख़ूब पसंद किया जा रहा है लेकिन इसी बीच इस फिल्म को लेकर एक चौंका देने वाला मामला सामने आया है। दरअसल छत्तीसगढ़ी फिल्म “डोली लेके आजा” के पोस्टर उखाड़ने और थिएटर में न लगाने की बात सामने निकलकर सामने आई है जिसको लेकर फिल्म की टीम ने अपना दुःख सामने साझा किया है और उनकी फिल्म को ज्यादा से ज्यादा थियेटर में लगाने की माँग की गई।
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आपको बता दें कि, छत्तीसगढ़ी फिल्म “डोली लेके आजा”, जो हाल ही में 17 जनवरी को रिलीज़ हुई थी, सुर्खियों में है। फिल्म के पोस्टर और बैनर उखाड़ने और इसे सिनेमाघरों में न लगाने की धमकी के आरोप लगाए जा रहे हैं। इस मामले में फिल्म के निर्देशक अरविन्द कुर्रे ने आम जनता और छत्तीसगढ़ी फिल्म इंडस्ट्री के निर्माताओं से मदद की गुहार लगाई है।
एन माही फिल्म प्रोडक्शन के निर्माता और निर्देशक मोहित साहू ने इस विवाद पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “हर फिल्म को समान अधिकार मिलना चाहिए। अगर कोई फिल्म अच्छी है और दर्शक उसे पसंद कर रहे हैं, तो उसे थिएटर में जगह मिलनी चाहिए।”
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“टीना टप्पर” और “डोली लेके आजा” के पोस्टर विवाद
24 जनवरी से रिलीज़ होने जा रही छत्तीसगढ़ी फिल्म “टीना टप्पर” के पोस्टर, “डोली लेके आजा” के पोस्टरों के ऊपर चिपकाए जा रहे हैं जिसको लेकर डोली लेके आजा के टीम ने विरोध किया। “डोली लेके आजा” के निर्देशक और स्टारकास्ट ने आरोप लगाया है कि इस घटना के पीछे “टीना टप्पर” की टीम का हाथ है। दरअसल, सोशल मीडिया पर टीना टप्पर के पोस्टर को डोली लेके आजा के पोस्टर के ऊपर लगाते हुए वीडियो देखा गया था, जिसके बाद यह मामला आगे बढ़ा था।
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इस विवाद की एक और वजह यह है कि “डोली लेके आजा” को बहुत ही कम स्क्रीन मिले हैं। इसके बावजूद फिल्म को सिनेमाघरों से हटाने की बात कही जा रही है, जिससे फिल्म के निर्माताओं और टीम में रोष है। जानकारी के मुताबिक़, इस फिल्म में सतनामी समाज को दिखाया गया है जिसको लेकर कुछ लोगों द्वारा इसका विरोध किया जा रहा है।
हालाँकि, कुछ लोगों ने इस पर प्रतिक्रिया देते कहा कि सतनामी समाज को हमेशा दबाया जाता है। वैसे हमारे देश में हर देश में हर जाति-धर्म एक समान है हमें उनका सम्मान करना चाहिए और एक साथ कदम से कदम मिलाकर चलना चाहिए।
छत्तीसगढ़ी फिल्म इंडस्ट्री के सामने चुनौतियाँ
छत्तीसगढ़ में गिने-चुने सिनेमाघर हैं, और हाल ही में छत्तीसगढ़ी फिल्मों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। ऐसे में कम सिनेमाघर होने के कारण छत्तीसगढ़ी फिल्मों को बहुत ही कम स्क्रीन मिल पाता है जो बहुत ही निराशाजनक और विचार करने वाली बात है। इससे न केवल निर्माताओं को भारी घाटा झेलना पड़ता है बल्कि छत्तीसगढ़ी फिल्म इंडस्ट्री जो तेजी से आगे की बढ़ रहा है उसकी गति पर ब्रेक लगता दिखाई दे रहा है।
निर्माता मोहित साहू ने इस विषय पर सरकार से फिल्म सिटी के बदले 100 सिनेमाघर की मांग की थी। इस विषय पर सरकार को ध्यान देना चाहिए और अधिक सिनेमाघरों के निर्माण की पहल करनी चाहिए, ताकि छत्तीसगढ़ी फिल्मों को ज्यादा से ज्यादा दर्शकों तक पहुँचाया जा सके और फिल्म इंडस्ट्री को विस्तार मिल सके।
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फिल्म “डोली लेके आजा” में मुख्य अभिनेता के रूप में किशन सेन और मंजिमा सान्दिल हैं। वहीं फिल्म का निर्देशन अरविंद कुर्रे ने किया है, जबकि निर्माता महेन्द्र महेश्वर हैं। फिल्म की स्क्रीनप्ले भी अरविंद कुर्रे द्वारा लिखी गई है। इसमें लक्ष्मण यादव और भागवत साहू ने कैमरा और डी.ओ.पी. का काम किया है, वहीं वीडियो एडिटिंग भी उन्हीं ने की है। फिल्म में डांस कोरियोग्राफी विकी माखिजा ने की है और इसका प्रमोशन नविन मलाकर ग्रुप द्वारा किया गया है। फिल्म के सभी गाने राजश्री म्यूजिक CG पर रिलीज किया गया है और इसे दर्शकों के बीच अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है।
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